राजा, गुड़िया तुम दोनों आओ,
मेरे संग मिठाई खाओ।
मैंने बनाई हैं सारी मिठाई,
बरफी, जलेबी और रसमलाई।
देख जलेबी आया मुँह में पानी,
मैं गुड़िया हूँ बड़ी सियानी।
नहीं जलेबी एक भी दूँगी,
भैया तुम पी लेना पानी।
तुम्हें नहीं दूँगा रसमलाई,
माँ ने मेरे लिए बनाई।
अकेले सारी मैं खाऊँगा,
नहीं तुम्हें मैं खाने दूँगा।
नहीं लड़ो, तुम प्यारे बच्चो,
मिल-बाँटकर खाना सीखो।
मिल-बाँटकर जो खाते हैं,
प्यारे बच्चे कहलाते हैं।